तोप : प्रश्न-अभ्यास
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
1. विरासत में मिली चीजों की बड़ी सँभाल क्यों होती है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:- हमें
उत्तराधिकार
में
अपने
पूर्वजों
से
जो
वस्तुएँ
मिलती
हैं
उसे
हम
उनकी
स्मृति
के
रूप
में
सम्भाल
कर
रखते
हैं
क्योंकि
इन
वस्तुओं
से
पता
लगता
है
कि
उस
समय
में
देश
और
समाज
की
स्थिति
कैसी
थी
और
इलाके
अलावा
अतीत
में
हमारे
पूर्वजों
द्वारा
किए
गए
अच्छे
कार्यों
का
पता
लगता
है
और
उनके
द्वारा
की
गईं
भूलों
का
भी
।
अतीत
के
आधार
पर
भविष्य
को
अच्छा
बनाने
में
सहायता
मिलती
है।
2. इस कविता से आपको तोप के विषय में क्या जानकारी मिलती है?
उत्तर:- इस
कविता
से
हमें
तोप
के
विषय
में
निम्नलिखित
जानकारियाँ
मिलती
हैं
-
१. ईस्ट
इंडिया
कंपनी
ने
1857 में
इस
तोप
का
प्रयोग
विद्रोही
भारतीयों
पर
किया
था।
२. विद्रोही
भारतीय
सैनिकों
को
इसके
मुँह
पर
बाँधकर
उन्हें
उड़ा
दिया
गया
था।
३. आज़ादी
के
बाद
इसे
कानपुर
के
कंपनी
बाग
के
मुहाने
पर
लाकर
रखा
गया
ताकि
पर्यटक
इसे
देखें
और
अतीत
से
प्रेरणा
लेकर
भविष्य
के
प्रति
सचेत
रहें।
४. इसे
साल
में
दो
बार
15 अगस्त
और
26 जनवरी
के
अवसर
पर
चमकाया
जाता
है
क्योंकि
यह
हमारी
धरोहर
है।
3. कंपनी बाग में रखी तोप क्या सीख देती है?
उत्तर:- अपने
जमाने
में
यह
बहुत
ही
ज़बरदस्त
रही
थी
और
अंगेजों
ने
1857 के
वीरों
को
मौत
के
घाट
उतारने
में
इसका
प्रयोग
किया
था।
पर,
आज
यह
सिर्फ
देखने
का
सामान
है।
यह
सीख
देती
है
कि
एक
दिन
अत्याचार
का
आतंक
भी
समाप्त
होता
है
और
अत्याचारी
भी।
अंग्रेजों
का
आतंक
भी
समाप्त
हुआ
और
अत्याचार भी।
यह
हमें
सीख
देती
है
कि
हम
अपने
अतीत
से
प्रेरणा
लें
और
भविष्य
के
प्रति
सचेत
रहें
ताकि
किसी
के
आतंक
और
अत्याचार
का
सामना
फिर
से
नहीं
करना
पड़े।
4. कविता में तोप को दो बार चमकाने की बात की गई है। ये दो अवसर कौन-से होंगे ?
उत्तर:- तोप
को
दो
बार
चमकाने
के
दो
अवसर
हमारे
राष्ट्रीय
पर्व
15 अगस्त-
स्वतंत्रता
दिवस
और
26 जनवरी
- गणतंत्र
दिवस
हैं
।
(ख) निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए -
1. अब तो बहरहाल
छोटे लड़कों की घुड़सवारी से अगर यह फ़ारिग हो
तो उसके ऊपर बैठकर
चिड़ियाँ ही अकसर करती हैं गपशप।
उत्तर:- आज़ादी
से पूर्व 1857 में इस तोप का प्रयोग वीरों को आतंकित करने और खात्मा किए जाने के
लिए हुआ करता था और आज उसी तोप को निस्तेज कर दिया गया है और उसका आतंक भी समाप्त
हो गया है। वह तोप अब आजादी के बाद एक सजावट का सामान मात्र बन गई है। इस पर
बच्चों को बैठे घुड़सवारी जैसा आनन्द लेते देखा जा सकता है और जब बच्चे नहीं होते
तो इस पर चिड़ियाँ बैठकर चहचहाती हैं।
2. वे बताती हैं कि दरअसल कितनी भी बड़ी हो तोप
एक दिन तो होना ही है उसका मुँह बंद।
उत्तर:- कंपनी
बाग में लाकर रखी गई तोप का प्रयोग आज़ादी से पूर्व अंग्रजों द्वारा 1857 में वीरों
को आतंकित करने और खात्मा किए जाने के लिए किया था परन्तु आज उनका शासन भी समाप्त
हो गया है और तोप का आतंक भी । आज गौरया नामक चिड़ियाँ आकर बैठ जाती हैं और कभी-कभी
इसके भीतर घुस जाती हैं। आज की इस स्थिति से यही सन्देश मिलता है कि अत्याचारी
कितना ही शक्तिशाली हो पर एक दिन उसका और उसके आतंक और अत्याचार का खात्मा अवश्य ही हो जाता है।
3. उड़ा दिए थे मैंने
अच्छे-अच्छे सूरमाओं के धज्जे।
उत्तर:- कंपनी
बाग में लाकर रखी गई इस तोप का प्रयोग आज़ादी से पूर्व अंग्रेज़ों द्वारा 1857 में भारतीय वीरों को मौत देने और लोगों में दहशत(डर) फैलाने के लिए होता था। उस समय इसे बहुत शक्तिशाली और अंगेजों के ताकत के प्रतीक के रूप
में जाना जाता था। पर यह सब अतीत की बात है; आज तो यह अपना प्रभाव खोकर सजावट और
खेलने का सामान मात्र बन गई है।
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