कुछ महत्त्वपूर्ण शब्दों का ज्ञान

तात्पर्य, आशय और अभिप्राय :-
तात्पर्य, आशय और अभिप्राय शब्द एक ही अर्थ को बताते हैं। इन तीनों शब्दों का प्रयोग - मतलब, अर्थ यानि कि क्या बताना चाहा है के लिए होता है। जब जिस प्रश्न में इन तीनों में से किसी भी शब्द का प्रयोग करके पूछा गया हो तब ध्यान रखना चाहिए कि उत्तर लिखते समय सिर्फ लेखक या रचयिता के व्यक्तिगत विचार को ही समझाकर बताएँ।

प्रतिपाद्य :-
इस शब्द का अर्थ होता है किसी बात को साबित करना। विशेषकर जब कविताओं से संबंधित  प्रश्न में पूछा जाता है कि  कविता का प्रतिपाद्य लिखें तब हमें बताना चाहिए कि उस कविता के माध्यम से कवि ने किस बात पर विशेष बल दिया है अथवा कविता के माध्यम से कवि ने क्या साबित(Prove) करना चाहा है।

महत्ता(ग्रेटनेस), महत्त्व (इंपॉर्टेंस) :-
ये दोनों शब्द संस्कृत के ‘मह’ धातु से बने हैं जिसका अर्थ होता है - प्रतिष्ठा, मान, बढ़ाकर ऊँचा उठाना, ऊपर चढ़ाना, गौरव बढ़ाना आदि । इसी ‘मह’ से संस्कृत का ‘महत्’ शब्द बना है। संस्कृत के इस ‘महत्’ शब्द में ‘ता’ प्रत्यय लगने से ‘महत्ता’ और ‘त्व’ प्रत्यय लगने से ‘महत्त्व’ रूप बनता है। इन ‘महत्ता’ और ‘महत्व’ शब्द का प्रमुख अर्थ है - बहुत बड़े होने की अवस्था या भाव। आज कल इनका प्रयोग अंग्रेजी के ग्रेटनेस यानि  ‘महत्ता और  इंपॉर्टेंस यानि महत्व के आधार पर किया जाने लगा है।

सह-अनुभूति, सहानुभूति :-
सह-अनुभूति शब्द का अर्थ है ‘समान रूप से जिसे अनुभव किया गया हो’ और सहानुभूति का अर्थ है हमदर्दी अर्थात् किसी के दुःख दर्द में शामिल होने की भावना सहानुभूति है। संधि के नियमानुसार   सह + अनुभूति से सहानुभूति बनता है पर लिखने या कहने में इन शब्दों का प्रयोग बताए गए अर्थ के अनुसार ही करते हैं।

मुहावरा((Idiom), लोकोक्ति((Phrase), सूक्ति (Epigram) :-

मुहावरा((Idiom) :- यह वाक्य का अंशमात्र है पूर्ण वाक्य नहीं है। यह वाक्य में प्रयोग किए जाने पर ही पूर्ण होता है।

लोकोक्ति((Phrase) :- उक्ति का अर्थ है कथन। लोकोक्ति यानि लोक की उक्ति। यह अपने आप में पूर्ण वाक्य के समान है। जब किसी तथ्य को समझाना हो तो लोकोक्ति का उदाहरण स्वरूप प्रयोग करके उस तथ्य को समझाया जाता है।



सूक्ति (Epigram) :- कवियों द्वारा कही गई नैतिक और उपदेश से पूर्ण वाणी को सूक्ति कहा जाता है। सूक्ति यानि पंडितों के विद्वतापूर्ण कथन।