1. बड़े भाई साहब
छोटा मुँह बड़ी बात
- हैसियत से बढ़चढ़कर बोलना
पहाड़ होना - कठिन- कार्य
प्राण सूखना
- भयभीत होना
हँसी-खेल न होना - आसान कार्य होना
ऐरा-गैरा नत्थू-खैरा - महत्वहीन व्यक्ति
आँखें फोड़ना
- बहुत पढ़ना
खून जलाना
- बहुत मेहनत करना
घोंघा होना – मूर्ख
होना
आँसू बहाना
- रोना
सूक्ति-बाण चलाना - व्यंग्यपूर्ण चुभती बातें कहना
जिगर के टुकड़े-टुकड़े होना - बहुत दुःखी
हिम्मत टूट जाना - निराश होना
जान तोड़कर
- शरीर को कष्ट देकर
बूते के बाहर होना
- सामर्थ्य के बाहर
निराशा के बादल फट जाना - निराशा का दुःख समाप्त हो जाता
अमल करना
- बताए अनुसार चलना
दबे पाँव
- चुपचाप
सिर पर एक नंगी तलवार-सी लटकती मालूम होना - भय बना रहना
घुड़कियाँ खाना
- गुस्से से भरी बातें सुनना
आड़े हाथों लेना - डाँटना
घोर तपस्या - कठिन परिश्रम
घाव पर नमक छिड़कना
- दुःखी को और दुःखी करना
खून जलाना
- बहुत मेहनत करना
तीर मार लेना - लक्ष्य पाना
हेकड़ी जताना - अभिमान/ गर्व करना
तलवार खींच लेना- आक्रमण के लिए तैयार होना
टूट पड़ना
- चोट पहुँचाना
दिमाग होना - अहंकार होना
नाम-निशान तक मिटा देना -
पूरी तरह समाप्त कर देना
एक चुल्लू पानी - थोड़ी-सी भी सहायता
सिर फिरना - बुद्धि काम न करना
अंधे के हाथ बटेर लगना - भाग्यवश अच्छी वस्तु मिल जाना
अंधा-चोट निशान पड़ना - अचानक ही कोई वस्तु मिलना, बिना परिश्रम के ही सफलता मिल जाना
दाँतो पसीना आ जाना
- मेहनत में कष्ट का अनुभव करना
लोहे के चने चबाना
- असंभव कार्य करना
आंधी रोग हो जाना
- कुछ नहीं समझ में आना
बे-सिर-पैर की बातें – निरुपयोगी बातें
चार पन्ने रँगना - लिखना
पापड़ बेलना
- मुसीबतों का सामना करना
आटे-दाल का भाव मालूम होना
- सच्चाई का पता लगना
गिरह बाँधना -
अच्छी तरह समझना
चोरों का-सा जीवन काटना - छुपकर रहना
मुद्रा कांतिहीन होना - चेहरे की चमक चली जाना
स्वच्छंद होना - मनमर्जी करना, मनमानी करना
मुँह चुराना
- सामने न आना
ज़हर लगना - बुरा लगना
2. डायरी का एक पन्ना
अलख जगाना- ईश्वर स्मरण के लिए प्रेरित करना। किसी अच्छे काम को करने के लिए प्रेरित करना।
ठंडा पड़ना-
शांत होना।
रंग दिखाना-
असलियत दिखाना।
3. ततांरा वामीरो कथा
आँखों में तैरना- मन में प्रकट होना।
बाट जोहना-
इंतजार करना।
राग अलापना-
अपनी ही बात बार-बार कहना।
सुध-बुध खो देना- होश खोना।
आवाज उठाना-
अपनी बात कहना, विरोध करना।
होश आना - चेतन होना, सोचने-समझने के योग्य होना।
चेतना लुप्त होना - सोचने-समझने के योग्य न रहना।
बैचेन होना
- छटपटाना, व्याकुल होना।
खुशी का ठिकाना न रहना
- बहुत प्रसन्न होना।
इधर-उधर दृष्टि दौड़ाना
- सतर्क, चौकन्ना ।
हवा की तरह बहना
- परिस्थिति के अनुसार चलना।
फूट-फूटकर रोना - बहुत दुःख के साथ रोना।
आग बबूला होना - बहुत गुस्सा होना।
4. तीसरी कसम के शिल्पकार
आँखों से बोलना - संकेत करना।
दो से चार बनना-
लाभ होना।
मील का पत्थर होना
- प्रभावशाली होना।
सातवें आसमान पर होना-
बुलन्दी पर होना, बहुत ऊँचा होना
तराजू पर तौलना - मूल्य या वजन का आँकना
आँखों से बात करना
- संकेतों में समझाना
दिल की जुबान समझना-
बिना शब्दों में बताए भावनाएँ समझ जाना
5. गिरगिटहोना
उँगली उठाना
- आरोप लगाना, दोषी ठहराना।
किस्सा खत्म करना - समाप्त करना।
गाँठ बाँध लेना - याद रखना।
जि़ंदगी नर्क होना - परेशान होना।
त्योरियाँ चढ़ाना
- गुस्सा करना।
मजा चखाना
- सबक सिखाना।
मत्थे मढ़ना
- कोई कार्य जबरदस्ती होना।
शैतान की औलाद - दुष्ट व्यक्ति।
छुट्टी करना
- हरा देना।
6. अब कहाँ दूसरे के दुःख से
दीवार खड़ी करना - रास्ता रोकना।
दुःख बाँटना
- मदद करना।
डेरा डालना
- ठहरना।
7. पतझड़ में टूटी पत्तियाँ
आगे आना
- सामने आना।
कदम उठाना
- किसी काम को करने की तैयारी करना।
8. कारतूस
आँखों में धूल झौंकना
- मूर्ख बनाना।
काम तमाम कर देना
- मार देना।
कूट-कूट कर भरना
- अच्छी तरह समझाना।
जान बख्शना
- क्षमा कर देना ।
मुट्ठी भर आदमी - बहुत कम लोग।
हक्का-बक्का रह जाना
- हैरान हो जाना।
हाथ न आना - पकड़ा न जाना।
हाथ
से निकल जाना – मिली हुई वस्तु छिन जाना
पीछा
करना- किसी के पीछे जाना
सन्नाटे
में होना – स्तंभित होना, सोच-विचार की शून्यता में होना
संचयन - 2
हरिहर काका
अपना-अपना मोर्चा सँभालना
- स्थिति संभालना, अपनी जिम्मेदारी निबाहना।
आँखें भर आना - दुःखी होना।
आसमान से जमीन पर गिरना - उच्च स्थिति से निम्न स्थिति पर आना।
खुल कर बातें करना
- बिना संकोच के बात कहना।
खून खौलना
- क्रोधित होना।
चंपत हो जाना - भाग जाना।
चिकनी-चुपड़ी बातें करना
- दूसरे को अच्छी लगने वाली बातें करना।
जी-जान से जुट जाना - खूब प्रयास करना।
जितने मुँह, उतनी बातें होना - कई तरह की बातें होना।
टोह में रहना - जानकारी लेने के लिए प्रयास में रहना।
तितर-बितर होना - बिखर जाना।
तूती बोलना - प्रभाव होना ।
तू-तू मैं-मैं होना - झगड़ा होना।
दिल पसीजना
- दया करना।
दूध की मक्खी होना
- बेकार होना, किसी काम का न होना।
नमक-मिर्च लगाना - बढ़ा-चढ़ाकर कहना।
पाँव पखारना
- बहुत आदर देना।
पाँव पसारना
- फैलाना।
फूटी आँख न सुहाना
- बिलकुल पसंद न करना।
बदन में आग लगना
- ईष्र्या होना।
बातें बनाना
- बहाने बनाना।
भनक तक न लगना
- पता न लगना, खबर न लगना।
मँझधार में फँसना - परेशानी में फँसना।
मोह भंग होना - सच्चाई का पता लगने पर मन बदलना।
मुँह न खुलना/खोलना
- कुछ न बताना।
सहन शक्ति जवाब देना
- हिम्मत खत्म हो जाना।
सिर-आँखों पर बिठाना
- अत्याधिक सम्मान देना।
कान
खड़े होना- सतर्क होना , सावधान होना।
मौज
उड़ाना- मज़े से सुविधा-सम्पन्न जीवन बिताना।
रंग
चढ़ना – असर होना, प्रभाव होना।
सपनों के से दिन
खाल खींचना
- बहुत मारना।
चमड़ी उधेड़ना
- पिटाई करना।
चेहरा मुरझाना
- उदास होना।
छाती धक-धक करना
- डर से घबरा जाना।
ढाँढस बँधाना
- सांत्वना देना।
तरस खाना
- दया करना।
दिन गिनना
- समय बिताना।
तार-तार होना - बुरी तरह से फट जाना।
हाय-हाय करना - अपने कष्टों के ही बारे में बात करना।
टोपी शुक्ला
आसमान सिर पर उठाना
- शोर करना।
एक टाँग पर खड़े होना - बहुत मेहनत करना, भक्ति दिखाना।
गीली मिट्टी कर लौंदा होना - बहुत सीधा होना ।
चक्कर में पड़ना - झमेले में फँसना।
चकरा जाना -
समझ में न आना।
ज़बान की नोक पर उठाना - कामों में दोष निकालना।
प्यास बुझाना
- इच्छा पूरी करना।
लाली दौड़ना
- शरमा जाना।
सिर पर खड़ा होना
- पास खड़े होकर निगरानी करना।
होश ठिकाने आना
- सच्चाई का पता चलना।