Siyaramsharan Gupt
सियारामशरण गुप्त(1895 - 1963)
जीवन परिचय :- सियारामशरण गुप्त का जन्म झाँसी के निकट चिरगाँव में सन् 1895 में हुआ था। राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त इनके बड़े भाई थे। गुप्त जी के पिता भी कविताएँ लिखते थे। इस कारण परिवार में ही इन्हें कविता के संस्कार स्वतः प्राप्त हुए। गुप्त जी महात्मा गांधी और विनोबा भावे के विचारों के अनुयायी थे। इसका संकेत इनकी रचनाओं में भी मिलता है। गुप्त जी की रचनाओं का प्रमुख गुण है कथात्मकता। इन्होंने सामाजिक कुरीतियों पर करारी चोट की है। देश की ज्वलंत घटनाओं और समस्याओं का जीवंत चित्र इन्होंने प्रस्तुत किया है। इनके काव्य की पृष्ठभूमि अतीत हो या वर्तमान, उनमें आधुनिक मानवता की करुणा, यातना और द्वंद्व समन्वित रूप में उभरा है।
साहित्यिक परिचय :- सियारामशरण गुप्त की प्रमुख कृतियाँ हैं : मौर्य विजय, आर्द्रा,
पाथेय, मृण्मयी, उन्मुक्त, आत्मोत्सर्ग, दूर्वादल और नकुल।
कविता परिचय :- ‘एक फूल की चाह’ गुप्त जी की एक लंबी और प्रसिद्ध कविता है। प्रस्तुत
पाठ उसी कविता का एक अंश मात्र है। पूरी कविता छुआछूत की समस्या पर केंद्रित है।
एक मरणासन्न अछूत कन्या के मन में यह चाह उठी कि काश! देवी के चरणों में अर्पित
किया हुआ एक फूल लाकर कोई उसे दे देता। कन्या के पिता ने बेटी की मनोकामना पूरी
करने का बीड़ा उठाया। वह देवी के मंदिर में जा पहुँचा। देवी की आराधना भी की, पर
उसके बाद वह देवी के भक्तों की नज़र में खटकने लगा। मानव-मात्र को एकसमान मानने की
नसीहत देनेवाली देवी के सवर्ण भक्तों ने उस विवश, लाचार, आकांक्षी मगर अछूत पिता
के साथ कैसा सलूक किया, क्या वह अपनी बेटी को फूल लाकर दे सका? यह कविता का
मार्मिक अंश ही बताएगा।
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द्वारा :- hindiCBSE.com
आभार: एनसीइआरटी (NCERT) Sparsh Part-1 for Class 9 CBSE
अध्याय : एक फूल की चाह