PANCHAMAKSHAR PRAYOG
कई
शब्दों में शिरोरेखा के ऊपर एक बिन्दु (अनुस्वार ॰) का प्रयोग किया जाता है।
जैसे:-
गंगा - गड्.गा
झंडा - झण्डा
चंचल - चञ़्चल
मंद - मन्द
संबल -
सम्बल
गंगा (गड्.गा), झंडा (झण्डा), चंचल
(चञ़्चल), मंद (मन्द), संबल (सम्बल)
आदि वर्णों में अनुस्वार ( ॰) के बाद आने वाले वर्ण का सम्बन्ध जिस वर्ग के साथ है
अनुस्वार उसी वर्ग के पाँचवें वर्ण के स्थानपर प्रयुक्त हो रहा है। यही पंचम वर्ण
के प्रयोग का नियम है।
‘क’ वर्ग -
क् ख् ग् घ् ङ्
।
‘च’ वर्ग -
च् छ् ज् झ् ञ़् ।
‘ट‘ वर्ग -
ट् ठ् ड् ढ् ण् ।
‘त’ वर्ग -
त् थ् द् ध् न् ।
‘प’ वर्ग -
प् फ् ब् भ् म् ।
प्रयोग
में सावधानी :-
हलन्त युक्त पंचम वर्ण के बाद यदि वही पंचम वर्ण आता है या अन्य वर्ग का पंचम वर्ण आता
है तो वह हलन्त युक्त पंचम वर्ण अनुस्वार (बिन्दु ॰ ) के रूप में नहीं लिखा जाएगा।
जैसे
- सम्मेलन का संमेलन, सम्मति का संमति, उन्मुख का उंमुख नहीं होगा।
(समाप्त)