मुहावरे

 मुहावरा शब्द अरबी भाषा से है  इस शब्द का अर्थ होता है - अभ्यास या बातचीत । हिन्दी भाषा में मुहावरे का प्रयोग ‘शाब्दिक अर्थ से भिन्न अर्थ देनेवाले वाक्यांश’ के अर्थ में किया जाता है। इस वाक्यांश की विशेषता होती है कि किसी वाक्य में इसका उपयोग किया जाने पर यह उसे कहे जाने और अर्थ की दृष्टि से सुन्दर बना देता है। वाक्यांश होने के कारण बिना वाक्य के अर्थात् वाक्य से अलग स्वतन्त्र रूप से इसका कोई अर्थ नहीं है

कुछ मुहावरे 

1.  अंग-अंग ढीला होना- बहुत थक जाना।
2.  अंग-अंग मुस्काना - बहुत खुश होना।
3.  सिर चढ़ाना - बहुत महत्त्व देना।
4.  सिर उठाना - विद्रोह करना।
5.  आसमान सिर पर उठाना- बहुत शोर करना।
6.  सिर धुनना - पछतावा करना।
7.  ओखली में सिर देना - जानबूझकर मुसीबत मोल लेना।
8.  बाल-बाल बचना - बहुत थोड़े से अंतर से बचना, मुश्किल से बचना।
9.  बाल बाँका न होना - कुछ भी न बिगड़ना।
10. भौंहे चढ़ना - नाराज होना।
11. कान खाना- अत्यधिक शोर मचाना।
12. कान पकड़ना - भूल स्वीकार करना
13. कान खड़े होना - सतर्क होना।
14. कान भरना - झूठी शिकायत करना।
15. गले का हार - बहुत प्रिय होना।
16. आँखों से गिरना - आदर कम हो जाना।
17. आँखों में धूल झोंकना - धोखा देना।
18. एक आँख न भाना - बिल्कुल पसन्द न आना।
19. आँख का तारा - बहुत प्रिय।
20. कान कतरना - मात देना, हरा देना।
21. कानों कान खबर होना - चुपचाप पता लगना।
22. कान का कच्चा - बिना सोचे-समझे विश्वास करनेवाला।
23. कान पर जूँ तक न रेंगना - बिल्कुल भी प्रभाव न पड़ना।
24. आँखें चुराना - अनदेखा करना, सामने न आना।
25. आँखें खुलना - अच्छे-बुरे का ज्ञान होना।
26. पलकों पर बिठाना - बहुत आदर देना।
27. अपना-सा मुँह लेकर रह जाना - लज्जित होकर चुप रह जाना।
28. गाल बजाना - व्यर्थ की बातें करना, बकवास करना। 
29. नाक कटना -  बदनामी होना।
30. नाक-भौं सिकोड़ना - अरुचि प्रकट करना।
31. नाक का बाल - घनिष्ठ मित्र।
32. नाक कटाना - बदनामी करवाना।
33. नाक में दम करना - बहुत परेशान करना।
34. माथा पटकना - पछतावा करना।
35. एड़ी चोटी का जोर लगाना - बहुत प्रयत्न करना।
36. अगर-मगर करना - बहाने बनाना, टालमटोल करना।
37. अंधे की लकड़ी - असहाय का सहारा।
38. आकाश-पाताल एक करना - बहुत परिश्रम करना।
39. आग-बबूला होना - बहुत क्रोधित होना।
40. आकाश-पाताल का अन्तर - बहुत अधिक अन्तर होना।
41. आग में घी डालना - क्रोध को भड़काना।
42. आटे-दाल का भाव मालूम करना - कष्ट/दुःख/पीड़ा अनुभव करना।
43. आसमान टूट पड़ना - मुसीबतें आना।
44. कंगाली में आटा गीला होना - गरीबी में और अधिक हानि होना।
45. ख्याली पुलाव पकाना - कल्पनाओं में डूबे रहना।
46. छाती पर मूँग दलना - बहुत कष्ट देना।
47. छाती ठोककर कहना - हिम्मत के साथ बात बताना।
48. पेट में चूहे कूदना - भूख लगना।
49. पेट पर लात मारना - किसी के जीवन जीने का साधन छीन लेना।
50. पेट पालना - जीवन जीने में सहयोग करना।
51. पीठ ठोकना -  शाबासी देना।
52. पीठ दिखाना -  हार कर भागना।
53. अंगुली पर नचाना - अपनी इच्छानुसार कार्य करवाना।
54. अंगुली उठाना - दोष देना, दोषी ठहराना।
55. अंगूठा दिखाना - साफ मना कर देना।
56. अक्ल का पुतला - बहुत बुद्धिमान।
57. अक्ल के घोड़े दौड़ाना - सोच-विचार करना।
58. अक्ल चरने जाना - मूर्खतापूर्ण कार्य करना।
59. अक्ल चकराना -  कुछ भी निर्णय न ले पाना।
60. अक्ल पर पत्थर पड़ना - बुद्धि भ्रष्ट होना।
61. अपना उल्लू सीधा करना - अपना काम निकालना, स्वार्थ सिद्ध करना
62. अपना-सा मुँह लेकर रह जाना - अपमानित होने के कारण हताष होना
63. अपनी खिचड़ी अलग पकाना - अलग रहना
64. अपनी कब्र आप खोदना - अपना नुकसान स्वयं करना।
65. अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना - स्वयं अपनी हानि करना।
66. अपना उल्लू सीधा करना - अपना काम निकालना।
67. अपना राग अलापना - अपनी ही बात कहते जाना।
68. इधर-उधर की हाँकना - व्यर्थ की बातें करना।
69. ईद का चाँद होना - बहुत कम दिखाई देना।
70. काया पलट होना - बिल्कुल बदल जाना।
71. गिरगिट की तरह रंग बदलना - सिद्धान्तहीन होना।
72. चादर से बाहर पैर पसारना - आमदनी से अधिक व्यय करना।
73. तिलभर जगह न रहना - बहुत भीड़ होना।
74. थूक कर चाटना - अपने कथन से इंकार कर देना।
75. दाल न गलना - सफलता न मिलना।
76. दुम दबाकर भागना - डरकर भाग जाना।
77. नानी याद आना - मुसीबत देखकर घबरा जाना।
78. नमक मिर्च लगाना - बढ़ा-चढ़ा कर बात बताना।
79. पानी-पानी होना - लज्जित होना।
80. पर निकलना - स्वछन्द होना, अपनी मर्जी से काम करने वाला होना।