कक्षा-8 व्याकरण
शुद्ध शब्द
अशुद्ध शब्द- शुद्ध
शब्द
अैसा - ऐसा
महनत -
मेहनत
विधार्थी -
विद्यार्थी
कवयीत्री - कवयित्री
श्रीमति - श्रीमती
तलाब - तालाब
आन्नद - आनन्द (आनंद)
क्योंकी - क्योंकि
ग्रहकार्य - गृहकार्य
प्रशन - प्रश्न
परिक्षा - परीक्षा
आर्शीवाद - आशीर्वाद
स्त्रीयां - स्त्रियाँ
अतिथी -
अतिथि
प्रमात्मा -
परमात्मा
बाढ़ - जलप्लावन, सैलाब, जलप्रलय
कीचड़ -
पंक, कीच, कर्दम, गारा
किरण -
कर, रश्मि, मयूख, अंशु
बिजली -
तड़ित, विद्युत, चपला
दिन -
दिवस, वार, वासर
पानी -
जल, नीर, तोय, वारि
बादल -
मेघ, नीरद, घन, जलद
आकाश -
व्योम, अंबर, नभ
धरती -
धरा, वसुधा, भूमि , भू
अन्धकार -
तिमिर, तम, तमस, अंधेरा
युग्म शब्द
कर्म - कार्य
क्रम- सिलसिलेवार
उपयुक्त -सही
उपर्युक्त -ऊपर कहा गया
अपेक्षा-
आशा
उपेक्षा - तिरस्कार (घृणा)
अपकार - बुरा
उपकार - भला
गाड़ा - दबाया हुआ
गाढ़ा -
सघन
प्रवाह -
बहाव
परवाह- चिंता
शाम - संध्या
श्याम - साँवला, काला, कृष्ण
अधम - नीच, पापी
अधर्म - पाप
प्रमाण - नाप-तौल का मान, सबूत
प्रणाम
- अभिवादन
परिणाम- फल
परिमाण- मात्रा
योग- मेल
योग्य- काबिल, समर्थ
चिर- शाश्वत (सदा रहने वाला)
चीर- वस्त्र
आकर-
खान
आकार-
आकृति
पवन-हवा
पावन-पवित्र
लक्ष-
लाख
लक्ष्य-
उद्देश्य
जिसने कोई अपराध न किया हो - निरपराध
जिसका कोई अर्थ न निकलता हो - निरर्थक
जो मांस खाता हो - सामिष
जो मांस न खाता हो - निरामिष
शाक ही जिसका आहार हो - शाकाहारी
मांस ही जिसका आहार हो - मांसाहारी
जिसमें दया न हो -
निर्दय
नया आया हुआ -
नवागत
सबके साथ प्रिय बोलने वाला - प्रियंवद
जो इतिहास से पहले का हो -
प्रागैतिहासिक
Applicant -
आवेदक
Yours
sincerely - भवदीय
Respected - आदरणीय
Dear -
प्रिय
Sir -
श्रीमान्
Grateful -
आभारी
Obedient - आज्ञाकारी
Regards - आदर
Invitation - आमंत्रण
Condolence - शोक प्रकट करना (सान्त्वना)
Scholar-ship - छात्रवृत्ति
Certificate - प्रमाण-पत्र
Leave -
अवकाश
Permission - स्वीकृति
Editor - संपादक
मुहावरे
पीठ ठोकना - शाबासी देना।
पीठ दिखाना - हार कर भागना।
अंगुली पर नचाना - इच्छानुसार कार्य करवाना।
अंगुली उठाना - दोष देना, दोषी ठहराना।
अंगूठा दिखाना - साफ मना कर देना।
अक्ल का पुतला - बहुत बुद्धिमान।
अक्ल के घोड़े दौड़ाना - सोच-विचार करना।
अक्ल चरने जाना - मूर्खतापूर्ण कार्य करना।
अक्ल चकराना - कुछ भी निर्णय न ले पाना।
अक्ल पर पत्थर पड़ना - बुद्धि भ्रष्ट होना।
अपना उल्लू सीधा करना - अपना
काम निकालना, स्वार्थ
सिद्ध करना
अपना-सा मुँह लेकर रह जाना - अपमानित
होने के कारण हताश होना
अपनी खिचड़ी अलग पकाना -
अलग रहना
अपनी कब्र आप खोदना -
अपना नुकसान स्वयं करना।
अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना - स्वयं अपनी हानि करना।
नाच न जाने आँगन टेढ़ा - दूसरों को
दोष देना।
नेकी कर दरिया में डाल - उपकार कर
जताना नहीं चाहिए।
न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी - शर्त पूरी न होने पर काम का न
बनना ।
अकेली मछली सारे तालाब को गंदा कर देती है - एक बुरा आदमी सभी को बदनाम कर देता
है।
आगे कुआँ पीछे खाई - सब ओर से मुसीबतआना
।
ऊँट के मुँह में जीरा - आवश्यता से
बहुत कम होना।
एक तो चोरी ऊपर से सीनाजोरी - अपराध करके अपराध न मानना फिर रौब भी जमाना।
कंगाली में आटा गीला - नुकसान पर
नुकसान होना।
कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली - असमान स्तर होना।
खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है- एक दूसरे के देखादेखी काम करना।
चार दिन की चाँदनी फिर अन्धेरी रात - सुख थोड़े ही दिन का होता है।
जो गरजते हैं वे बरसते नहीं - अपनी बड़ाई
स्वयं करनेवाले किसी काम के नहीं होते।
डूबते को तिनके का सहारा - विपत्ति में
थोड़ी-सी सहायता उबार देती है।
दूध का दूध पानी का पानी -
सही न्याय का होना।
नौ दिन चले अढ़ाई कोस - बहुत धीमी
गति से काम होना।
समाप्त