प्रश्नोत्तर : तुम कब जाओगे अतिथि !

PRASHNOTTAR : TUM KAB JAOGE ATITHI !
प्रश्न अभ्यास

मौखिक
निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
1. अतिथि कितने दिनों से लेखक के घर पर रह रहा है?
उत्तर:- अतिथि लेखक के घर में चार दिनों से रह रहा है।

2. कैलेंडर की तारीखें किस तरह फड़फड़ा रही हैं?
उत्तर:- कैलेंडर की तारीखें प्रतिदिन नए सूर्योदय के साथ सहज रूप से बदल जाती हैं जिसके लिए लेखक ने कहा है कि वे अपनी सीमा में नम्रता से फड़फड़ा रही हैं।

3. पति.पत्नी ने मेहमान का स्वागत कैसे किया?
उत्तर:- पति-पत्नी मेहमान के आगमन से खुश हुए। पति स्नेह-भीगी मुस्कराहट के साथ मेहमान से गले मिले और पत्नी ने आदर पूर्वक नमस्ते करके मेहमान का स्वागत किया।

4. दोपहर के भोजन को कौन-सी गरिमा प्रदान की गयी?
उत्तर:- घर में मेहमान के आगमन की खुशी पर आम दिनों में बननेवाले भोजन की अपेक्षा कुछ विशेष भोजन बनाया जाता है। जब लेखक के घर मेहमान आए तो उन्होंने भी दोपहर के भोजन को लंच की गरिमा प्रदान की ।

5. तीसरे दिन सुबह अतिथि ने क्या कहा?
उत्तर:- अतिथि ने तीसरे दिन सुबह धोबी से कपड़े धुलवाने की बात कही।

6. सत्कार की ऊष्मा समाप्त होने पर क्या हुआ?
उत्तर:- सत्कार की ऊष्मा समाप्त होने पर लेखक के अपने व्यवहार और मेहमान की आवभगत में परिवर्तन की बात सोचने लगा था। उसकी मेहमान की विशेष खातिरदारी के कारण उसकी आर्थिक स्थिति बिगड़ रही थी और वह चाहता कि मेहमान अब चला जाए। दोनों के बातचीत के विषय समाप्त हो चुके थे। वह डिनर में खिचड़ी खिलाने और मेहमान को ‘गेट आउट’ कहने तक की बात सोचने लगा था। 

लिखित

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
1.    लेखक अतिथि को कैसी विदाई देना चाहता था?
उत्तर:- लेखक अतिथि को भावभीनी और सम्मानजनक विदाई देना चाहता था। वह चाहता था कि अतिथि को पति-पत्नी स्टेशन तक छोड़ने जाएँ। वह चाहता था कि अतिथि शानदार मेहमाननवाजी की छाप अपने हृदय में ले कर चला जाए।

2. पाठ में आए निम्नलिखित कथनों की व्याख्या कीजिए −
(क) अंदर ही अंदर कहीं मेरा बटुआ काँप गया।
उत्तर:- लेखक का यह कथन अचानक बढ़नेवाले व्ययभार के पूर्वानुमान को बता रहा है। जिस दिन अतिथि लेखक के घर आए थे तब उसे लगा था कि अब अतिथि सत्कार के कारण उनका खर्चा बढ़ जायेगा। 

(ख) अतिथि सदैव देवता नहीं होता, वह मानव और थोड़े अंशों में राक्षस भी हो सकता है।
उत्तर:- लेखक ने मेहमान के तीन रूप बताए हैं - देवता, मानव और राक्षस। भारतीय संस्कृति में तैतीरय उपनिषद के अनुसार अतिथि यानि मेहमान को देवता कहा गया है। लेखक के अनुसार देवता और मेहमान में अंतर होता है। देवता आते हैं, वरदान देते हैं और चले जाते हैं वह मेहमान की तरह ठहरते नहीं है। मेहमान भी यदि ठहरे नहीं अपितु आए और चला जाए तो ही उसे देवता कहना उचित है। आनेवाला मेहमान भी मनुष्य ही होता है इसलिए उससे अपेक्षा की जाती है कि वह दूसरे मनुष्य की स्थितियों और परिस्थितियों को समझकर व्यवहार करे। इस प्रकार व्यवहार करनेवाले को लेखक ने ‘मानव’ कहा है तथा जो विवेकपूर्ण व्यवहार न करे एवं दूसरों के कष्ट को समझे नहीं वह ‘राक्षस’ स्वभाव कहा गया है।

(ग) लोग दूसरे के होम की स्वीटनेस को काटने न दौड़ें।
उत्तर:- हम सभी अपने घर को ‘स्वीट होम’ कहते हैं जिसका आशय है - प्रेम, सुख, शांति व अनौपचारिकता (informality) से पूर्ण घर। प्रत्येक व्यक्ति को अपने घर में जो सुख व शांति मिलती है वह अन्यत्र कहीं नहीं मिलती है इसलिए हर व्यक्ति अपने घर जल्दी से जल्दी पहुँच जाना चाहता है। लेखक का मत है कि मेहमान को भी दूसरे मनुष्य की स्थितियों और परिस्थितियों को समझना चाहिए कि वह दूसरे घर में अपने घर के आनन्द को नहीं पा सकता है और अधिक रूक कर वह उस घर की ‘स्वीटनेस’ यानि मधुरता को भंग कर रहा होता है।  

(घ) मेरी सहनशीलता की वह अंतिम सुबह होगी।
उत्तर:- लेखक की अतिथि सत्कार की एक सीमा है। लेखक सोचता है कि अतिथि को रहते हुए चार दिन हो चुके हैं व आनेवाला दिन पाँचवा होगा। यदि अतिथि पाँचवे दिन सुबह नहीं गया तो लेखक अपने धैर्य पर काबू नहीं रख पाएगा, उसकी सहनशीलता समाप्त हो जाएगी। वह विचार करता है कि अतिथि को समझना चाहिए कि उसे ‘गेट आउट’ भी कहा जा सकता है। 

(ङ) एक देवता और एक मनुष्य अधिक देर साथ नहीं रहते।
उत्तर:- भारतीय संस्कृति में तैतीरय उपनिषद के अनुसार अतिथि यानि मेहमान को देवता कहा गया है। लेखक के अनुसार देवता और मनुष्य अधिक समय तक साथ नहीं रह सकते। देवता आते हैं, वरदान देते हैं और चले जाते हैं वह मनुष्य की तरह ठहरते नहीं है। मेहमान भी यदि ठहरे नहीं अपितु आए और चला जाए तो ही उसे देवता कहना उचित है। आनेवाला मेहमान भी मनुष्य ही होता है इसलिए उससे अपेक्षा की जाती है कि वह दूसरे मनुष्य की स्थितियों और परिस्थितियों को समझकर व्यवहार करे। 

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
1. कौन-सा आघात अप्रत्याशित था और उसका लेखक पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:- अतिथि द्वारा तीसरे दिन की सुबह धोबी से कपड़े धुलवाने की इच्छा जताना   लेखक के लिए अप्रत्याशित आघात था क्योंकि लेखक का विचार था कि अतिथि अब चले जाएँगे पर कपड़े धुलवाने के लिए देने में निहित अर्थ था कि वे अभी और रूकेंगे। लेखक के मन में अतिथि सत्कार की ऊष्मा समाप्त हो गई इसलिए उसने पत्नी द्वारा खिचड़ी बनाने की बात का समर्थन किया। वह भविष्य में उपवास के बारे में सोचने लगा। अतिथि देवता होता है भूलकर वह उसे राक्षस मानने लगा और उसे ‘गेट आउट’ कहने के बारे में सोचने लगा।

2. संबंधों का संक्रमण के दौर से गुज़रना −इस पंक्ति से आप क्या समझते हैं? विस्तार से लिखिए।
छात्रों के लिए विशेष :- संक्रमण का अर्थ होता है- एक स्थिति से दूसरी स्थिति में आना।

उत्तर:- संबंधों का संक्रमण के दौर से गुज़रना − इस पंक्ति का का अर्थ है संबंधों की स्थिति में परिवर्तन आना। जब अतिथि लेखक के घर आए तो अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति के बावजूद भी उनका प्रसन्नतापूर्वक हार्दिक स्वागत सत्कार हुआ, विशेष भोजन बनाए गए, विभिन्न विषयों पर खूब ठहाके लगाकर बातें भी की गइ और सिनेमा भी ले जाया गया। जब लेखक को लगा कि अतिथि तो ज्यादा दिनों तक रूकने की इच्छा रखता है तो उनके सत्कार की ऊष्मा समाप्त हो गई, पत्नी ने भी खिचड़ी बनाने की बात के लिए कहा, अतिथि और लेखक की आपसी बातें समाप्त-सी हो गईं, लेखक को अतिथि अब बोझ लगने लगा। वह उपवास और अतिथि को ‘गेट आउट’ कहे जाने के बारे में सोचने लगा। इस प्रकार अतिथि के साथ पहले के और वर्तमान संबंधों की स्थिति में परिवर्तन आने लगा।

3. जब अतिथि चार दिन तक नहीं गया तो लेखक के व्यवहार में क्या.क्या परिवर्तन आए?
उत्तर:- जब अतिथि चार दिन तक नहीं गया तो लेखक के व्यवहार में निम्नलिखित परिवर्तन आए- 
- अतिथि को देखकर फूट पड़नेवाली मुसकराहट धीरे-धीरे फीकी पड़कर लुप्त हो गई ।
- शब्दों का आपसी लेन-देन मिट गया और चर्चा के विषय चुक गए।
- लेखक के मन में अतिथि के प्रति सौहार्द बोरियत में रूपांतरित होने लगा और भावनाएँ गालियों का स्वरूप ग्रहण करने लगीं।
-  लेखक की सत्कार की उष्मा समाप्त होने लगीं। शानदार डिनर से अब खिचड़ी पर आ गए और इसके बाद उपवास करने के लिए सोचने लगे।
- लेखक की सहनशीलता समाप्त होने लगी और वे अतिथि को ‘गेट आउट’ तक कहने के लिए भी सोचने लगे।

भाषा अध्ययन

1. निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्याय लिखिए −
चाँद, ज़िक्र, आघात, ऊष्मा, अंतरंग ।

उत्तर:-
चाँद - सोम, राकेश, शशि, निशाकर।
ज़िक्र - चर्चा, प्रसंग, उल्लेख ।
आघात - प्रहार, वार, चोट ।
ऊष्मा – गर्मी, तपिश, दाह ।
अंतरंग – आत्मीय, दिली, घनिष्ठ ।

2. निम्नलिखित वाक्यों को निर्देशानुसार परिवर्तित कीजिए -

(क) हम तुम्हें स्टेशन तक छोड़ने जाएँगे। (नकारात्मक वाक्य)
उत्तर:- हम तुम्हें स्टेशन तक छोड़ने नहीं जाएँगे।

(ख) किसी लॉण्ड्री पर दे देते हैंए जल्दी धुल जाएँगे। (प्रश्नवाचक वाक्य)
उत्तर:- क्या किसी लॉण्ड्री पर दे देने से जल्दी धुल जाएँगे?

(ग) सत्कार की ऊष्मा समाप्त हो रही थी। (भविष्यत् काल)
उत्तर:- सत्कार की ऊष्मा समाप्त हो जाएगी। 

(घ) इनके कपड़े देने हैं। (स्थानसूचक प्रश्नवाची)
उत्तर:- इनके कपड़े कहाँ देने हैं?

(ङ) कब तक टिकेंगे ये? (नकारात्मक)
उत्तर:- ये अब नहीं टिकेंगे।
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द्वारा :- hindiCBSE.com
आभार: एनसीइआरटी (NCERT) Sparsh Part-1 for Class 9 CBSE