प्रश्नोत्तर : तताँरा-वामीरो कथा

Prashnottar : tatanra-vamiro katha
प्रश्न-अभ्यास

मौखिक

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-

1. तताँरा-वामीरो कहाँ की कथा है?
2. वामीरो अपना गाना क्यों भूल गई?
3. तताँरा ने वामीरो से क्या याचना की?
4. तताँरा और वामीरो के गाँव की क्या रीति थी?
5. क्रोध में तताँरा ने क्या किया?

लिखित

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-

1. तताँरा की तलवार के बारे में लोगों का क्या मत था?
2. वामीरो ने तताँरा को बेरुखी से क्या जवाब दिया?
3. तताँरा-वामीरो की त्यागमयी मृत्यु से निकोबार में क्या परिवर्तन आया?
4. निकोबार के लोग तताँरा को क्यों पसंद करते थे?

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-

1. निकोबार द्वीपसमूह के विभक्त होने के बारे में निकोबारियों का क्या विश्वास है?
2. तताँरा खूब परिश्रम करने के बाद कहाँ गया? वहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
3. वामीरो से मिलने के बाद तताँरा के जीवन में क्या परिवर्तन आया?
4. प्राचीन काल में मनोरंजन और शक्ति-प्रदर्शन के लिए किस प्रकार के आयोजन किए जाते थे?
5. रूढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगें तब उनका टूट जाना ही अच्छा है। क्यों? स्पष्ट कीजिए।

(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए- 
1. जब कोई राह न सूझी तो क्रोध का शमन करने के लिए उसमें शक्ति भर उसे धरती में घोंप दिया और ताकत से उसे खींचने लगा।
2. बस आस की एक किरण थी जो समुद्र की देह पर डूबती किरणों की तरह कभी भी डूब सकती थी।
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1. तताँरा के आन्तरिक गुण और उसके व्यक्तित्व के बारे में बताइए ।

उत्तर : - 

आन्तरिक गुण :-

एक सुंदर और शक्तिशाली युवक था। सभी उससे प्रेम करते थे। वह एक अच्छाई के रास्ते पर चलनेवाला और मददगार व्यक्ति था। सदैव दूसरों की सहायता के लिए तत्पर रहता। वह अपने गाँववालों की ही नहीं, अपितु समूचे द्वीपवासियों की सेवा करना अपना परम कर्त्तव्य समझता था। अपने इस स्वभाव के कारण उसे त्यागी मानते थे और उसका आदर करते। वक्त मुसीबत में स्मरण किए जाने पर वह वहाँ पहुँच जाता। दूसरे गाँवों में  भी पर्व-त्योहारों के समय उसे विशेष रूप से आमंत्रित किया जाता।

व्यक्तित्व :-

उसका व्यक्तित्व आकर्षक था - सुन्दर, बलिष्ठ, शांत, सभ्य और भोला। उसके  आत्मीय स्वभाव की वजह से लोग उसके करीब रहना चाहते। वह पारंपरिक पोशाक पहना करता और अपनी कमर में सदैव एक लकड़ी की तलवार बाँधे रहता। तताँरा अपनी तलवार को उसे कभी अलग न होने देता। न ही दूसरों के सामने उसका उपयोग करता। लोगों मानते थे कि तलवार में अद्भुत दैवीय शक्ति है।  उसके चर्चित साहसिक कारनामों का कारण तलवार में अद्भुत शक्ति का होना मानते थे।