prashnottar
: Smriti
बोध-प्रश्न
1. भाई के बुलाने पर घर लौटते समय लेखक के मन में किस बात का डर था?
2. मक्खनपुर पढ़ने जाने वाली बच्चों की टोली रास्ते में पड़ने वाले कुएँ में ढेला क्यों फेंकती थी?
3. ‘साँप ने फुस्सकार मारी या नहीं, ढेला उसे लगा या नहीं, यह बात अब तक स्मरण नहीं’ - यह कथन लेखक की किस मनोदशा को स्पष्ट करता है?
4. किन कारणों से लेखक ने चिट्ठियों को कुएँ से निकालने का निर्णय लिया?
5. साँप का ध्यान बँटाने के लिए लेखक ने क्या-क्या युक्तियाँ अपनाईं ?
6. कुएँ में उतरकर चिट्ठियों निकालने संबंधी साहसिक वर्णन को अपने शब्दों में लिखिए।
7. इस पाठ को पढ़ने के बाद किन-किन बाल-सुलभ शरारतों के विषय में पता चलता है?
8. ‘मनुष्य का अनुमान और भावी योजनाएँ कभी-कभी कितनी मिथ्या और उलटी निकलती हैं’- का आशय स्पष्ट कीजिए।
9. ‘फल तो किसी दूसरी शक्ति पर निर्भर है’ - पाठ के संदर्भ में इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
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