संकलित परीक्षा – II
हिन्दी 'ब'
कक्षा – IX
समय : 3 घण्टे अधिकतम अंक : 90
निर्देश :
(1) इस
प्रश्न पत्र के
चार खंड हैं
- क, ख, ग
और घ।
(2) चारों
खंडों के प्रश्नों
के उत्तर देना
अनिवार्य है।
(3) यथासंभव प्रत्येक खंड
के उत्तर क्रमश:
दीजिए।
खण्ड 'क'
1. निम्नलिखित गद्यांश को
पढ़कर दिए गए
प्रश्नों के उत्तर
विकल्पों में से
छाँटकर लिखिए - 1x5=5
स्वामी दयानन्द ने
कहा- जो संस्कार
माता अपने बच्चों
को दे सकती
है, विश्व का
कोई विद्यालय नहीं
दे सकता। जब
महर्षि दयानन्द कर्तव्य क्षेत्र
में आए उस
समय स्त्रियों की
बड़ी दुर्दशा थी,
स्त्रियों को शिक्षा
प्राप्त करने का
अधिकार नहीं था,
बालविवाह हो रहे
थे, विधवा विवाह
निषेध था और
सती प्रथा एवं
पर्दा-प्रथा का
बोलबाला था। स्वामी
दयानन्द ने इन
सब कुरीतियों का
विरोध किया और
कहा- 'भार्या श्रेष्ठतः
सखा"। नारी
पूरे घर की
सेवा करती है।
कष्टों को दूर
करती है। एक
स्त्री का घर
का काम करना
एक फैक्ट्री चलाने
से कम नहीं
है। स्वामी जी
ने पुरुषों द्वारा
किये जाने वाले
बहुविवाह का विरोध
किया और एक
पत्नीव्रत धर्म के
पालन पर जोर
दिया।
मध्ययुग में नारी
को घोर अपमान
और तिरस्कार का
सामना करना पड़
रहा था। युग
प्रवर्तक महर्षि दयानन्द की
कृपा से उन्हें
पुन: मातृ सम्मान
प्राप्त हुआ। आज
के नारी जगत
में क्रांतिकारी परिवर्तन
आया है। उसके
परिणाम स्वरूप अब नारी
की निंदा करने
वालों को मूर्ख
और अपराधी माना
जाने लगा है।
अब सार्वजनिक क्षेत्र
में स्त्री और
पुरुष का भेद
समाप्त हो गया
है। अब भारत
में अनेक उच्च
पदों को नारी
सुशोभित कर रही
है। स्वामी दयानन्द
ने कहा "मानव
जीवन की सफलता
नारी के योगदान
से ही संभव
है।" क्योंकि संसार के
निर्माण में सर्वप्रथम
योगदान माता का
होता है। वैदिक
मान्यताओं के अनुसार
नारी प्रभु प्राप्ति
में साधक है
बाधक नहीं। वेदों
की शिक्षा के
अनुसार नारी का
जीवन व्यवहार पृथ्वी
को स्वर्ग बना
देता है। स्वामी
दयानन्द ने वेदों
का प्रमाण देकर
नारी को शक्ति
और मुक्ति की
प्रतिमा बताया है। वे
नारी को अबला
कहने के पक्ष
में नहीं थे।
वेद मंत्रों के
आधार पर नारी
के महत्व को
दर्शाते हुए नारी
महिमा के बारे
में यजुर्वेद के
21 वें अध्याय के 5 वें
मंत्र का अर्थ
करते हुए उन्होंने
कहा है नारी
तू महान शक्ति
है। तू सुवृत्ति
पुत्रों की माता
है। सत्यशीला पति
की पत्नी है,
तू क्षात्रबल से
युक्त है। तू
शुभनीति का अनुसरण
करने वाली है।
स्वामी दयानन्द से
प्रभावित होकर राष्ट्रकवि
दिनकर ने अपने
ग्रन्थ "संस्कृति के चार
अध्याय” में लिखा
है कि स्वामी
दयानन्द नारी जाति
की संपूर्ण क्रांति
के जनक थे।
स्वामी दयानन्द का समाज
पर इतना प्रभाव
था कि कन्याएँ
शिक्षा प्राप्त करने लगीं।
बालविवाह, सती प्रथा
जैसी कुरीतियों को
दूर कर नारी
जाति का सम्मान
बढ़ा। स्वामीजी ने
घोषणा की कि
जब पुरुष अपनी
पत्नी के देहांत
पर दूसरा विवाह
करता है तो
स्त्री भी विधवा
होने पर दूसरा
विवाह कर सकती
है।
(क) स्वामी
दयानन्द ने किसका
विरोध किया?
(i) स्त्रियों को शिक्षा
के अधिकार का
(ii) बालविवाह रोकने का
(iii) स्त्रियों से संबंधित
कुरीति का
(iv) विधवा-विवाह का
(ख) स्वामी
जी को युगप्रवर्तक
कहा जाता है
क्योंकि उन्होंने -
(i) सतयुग का प्रारंभ
किया।
(ii) राम राज्य
की स्थापना की।
(iii) ज़माने के चलन
को बदला।
(iv) एक पत्नी
व्रत पालन पर
ज़ोर दिया।
(ग) नारी
प्रतिमा है -
(i) भक्ति और अनुराग
की
(ii) शक्ति
और मुक्ति की
(iii) बल और
पराक्रम की
(iv) ईष्या और द्वेष
का
(घ) नारी
का महत्व किस
ग्रंथ में बताया
गया है ?
(i) ऋग्वेद में
(ii) यजुर्वेद में
(iii) रामायण में
(iv) महाभारत में
(ड)
"संस्कृति के चार
अध्याय” ग्रंथ किसने लिखा
?
(i) जयशंकर प्रसाद
(ii) हरिवंशराय
बच्चन
(iii) मैथिलीशरण गुप्त
(iv) दिनकर
2. निम्नलिखित गद्यांश को
पढ़कर नीचे दिए
गए प्रश्नों के
उत्तर विकल्पों में
से छाँटकर लिखिए
– 1x5=5
विद्यार्थी
जीवन मानव जीवन
का स्वर्णिम काल
कहलाता है। यही
वह काल है,
जब मानव अपनी
सोई हुई शक्तियों
को पूर्ण रूप
से विकसित करने
में सक्षम होता
है और वह
समाज का उपयोगी
अंश बनने की
शिक्षा ग्रहण कर पाता
है। इसी विद्यार्थी
काल में मानव
का शरीर और
मस्तिष्क विकसित हो पाता
है। इसी समय
में विद्यार्थी अपनी
इन्द्रियों पर नियंत्रण
करने का महत्व
समझ जाता है।
विद्यार्थी को अपने
विद्यार्थी काल में
ही परिवार, समाज
तथा अपने देश
के प्रति अपने
कर्तव्यों तथा दायित्वों
का आभास हो
पाता है। इसी
काल में वह
अपने अधिकारों को
समझकर आदशों एवं
मूल्यों को आत्मसात्
कर लेता है
तथा सम्पूर्ण मानव
जाति के कल्याण
का व्रत धारण
करता है। शाब्दिक
अर्थों में विद्या
का अध्ययन करने
वाला व्यक्ति ही
विद्यार्थी कहलाता है। विद्यार्थी
के जीवन का
लक्ष्य विद्या प्राप्त करना
ही नहीं होता
है, बल्कि इसके
साथ ही चरित्र
निर्माण, शारीरिक, मानसिक एवं
अन्य आदशों तथा
गुणों को ग्रहण
करने की ओर
भी विशेष ध्यान
देना होता है।
विद्यार्थी के लिये
मात्र पुस्तकीय ज्ञान
प्राप्त करना ही
नहीं होता है।
आजकल लोग पुस्तकों
का पढ़ने वाले
को ही विद्यार्थी
मानते हैं। पुस्तकों
को आधुनिक काल
में ज्ञान प्राप्ति
का साधन माना
जाता है। विद्यार्थी
को ज्ञान प्राप्त
करने के लिये
कठोर त्याग भी
करना आवश्यक होता
है। आज हम
आए दिन सुनते
हैं कि अमुक
विद्यार्थी ने अपने
गुरु के साथ
अभद्र व्यवहार किया
या साथियों के
साथ झगड़ा किया।
घर में माता-पिता का
अपमान किया। ये
सब बातें उन
विद्यार्थियों की होती
है जिनका चरित्र,
आचरण और व्यवहार
खराब होता है।
इसके साथ ही
पहले तथा आज
भी आदर्श विद्यार्थियों
की अलग ही
पहचान होती है।
आदर्श विद्यार्थी अपने
गुरु के प्रति
आस्था रखते हैं।
गुरु भी अपने
शिष्य को अपनी
संतान की तरह
मानते हैं। जिस
विद्यार्थी या मानव
का चरित्र खराब
हो जाता है
उसे अपने परिवार
में ही नहीं
अपितु सम्पूर्ण समाज
में सम्मान प्राप्त
नहीं होता है।
अंग्रेजी में एक
कहावत है कि
स्वस्थ शरीर में
स्वस्थ मस्तिष्क का निवास
होता है। मानव
को अपने मस्तिष्क
को सुचारू रूप
से चलाने के
लिये साफ सुथरा
एवं स्वस्थ होना
चाहिए।
(क) समाज
का उपयोगी अंश
बनने की शिक्षा
कब मिलती है?
(i) युवावस्था में
(ii) विद्याथीं जीवन में
(iii) बचपन में
(iv) विवाह होने के
बाद
(ख)
विद्यार्थी अपने अधिकारों
को समझकर क्या
करता है?
(i) गृहस्थाश्रम में प्रवेश
करता है।
(ii) बड़ों के प्रति
कर्तव्यों का पालन
करता है।
(iii) आदशों और मूल्यों
को आत्मसात कर
लेता है।
(iv) धन कमाने
की ओर अग्रसर
होता है।
(ग) आजकल
लोग विद्यार्थी किसे
मानते हैं?
(i) प्रमाण-पत्र प्राप्त
करने वालों को
(ii) पुस्तकें पढ़ने वालों
को
(iii) उपद्रव मचाने वालों
को
(iv) भ्रष्टाचार करने वालों
को
(घ)
आदर्श विद्यार्थी अपने
गुरु के प्रति
-
(i) अविश्वास रखते हैं।
(ii) धैर्य रखते हैं।
(iii) विश्वास रखते हैं।
(iv) आस्था रखते हैं।
(ङ)
स्वस्थ मस्तिष्क का निवास
होता है
(i) स्वस्थ शरीर में
(i) पौष्टिक भोजन में
(iii) स्वस्थ परिवार में
(iv) स्वस्थ समाज में
3. निम्नलिखित काव्यांश को
पढ़कर नीचे दिए
गए प्रश्नों के
उत्तर के सही
विकल्प चुनकर लिखिए -
देश स्वाधीन
है, स्वाधीन रहे!
कोई दुखी
न कोई दीन
रहे!
अँधेरा रात काटकर
आए,
रोशनी बाँट-बाँटकर
आए;
इस तरह
हम भी लौ
में लीन रहे!
स्वतंत्रता सभी को
प्यारी है,
जान से
भी अधिक दुलारी
है;
सींचते खून से
ज़मीन रहे!
फर्क केवल
यहाँ विचारों के,
वरना हम
भी हैं यार
यारों के;
पालते साँप आस्तीन
रहे!
साधना, प्रेम और
मर्यादा
बस यही
रूप हमारा सादा;
रंग जीवन
में यही तीन
रहे!
नौजवानों, मशाल थाम
चलो,
वक्त के
साथ सुबह-शाम
चलो;
सृजन का
पंथ नित नवीन
रहे!
(क) काव्यांश
में कवि ने
क्या कामना की
है?
(i) देश के
धनी होने की
(ii) देश के
स्वाधीन बने रहने
की
(iii) देश के
तेजस्वी होने की
(iv) देश के
सुखी रहने की
(ख) 'लौ
में लीन रहें’
का तात्पर्य है
-
(i) धन बटोरने
में लगे रहें
(ii) सुख बाँटने
में लगे रहें
(iii) प्रकाश बाँटने में
लगे रहें
(iv) स्वतंत्रता बाँटने में
लगे रहें।
(ग)
'खून से ज़मीन
सींचने' का तात्पर्य
है
(i) धन और
खून खराबी
(ii) त्याग और बलिदान
(iii) झगड़ा और असहमति
(iv) ईष्या और द्वेष
(घ) विचारों
में फर्क रहते
हुए भी हमारी
क्या विशेषता है?
(i) हम अनेक
टुकड़ों में बँटे
हैं।
(ii) हम झगड़ालू
हैं।
(iii) हम अलग-अलग परिधान
पहनते हैं।
(iv) हम
एकता में बँधे
हैं।
(ङ)
सृजन का पंथ
क्या है?
(i) नयी रचना
के उपाय
(ii) नौजवान
(iii) नए रास्ते
(iv) नए उपाय
4. निम्नलिखित काव्यांश को
पढ़कर नीचे दिए
गए प्रश्नों के
उत्तरों के सही
विकल्प छाँटकर लिखिए –
रात हो
तम से भरी
फिर भी कदम
बढ़ते रहें।
राह ही
काँटों भरी फिर
भी सतत चलते
रहें।
अदम्य साहस भरा
ही मन में
सदा उत्साह हो।
गूंजते हों गीत
पथ में, फैलती
मुस्कान हो।
'हम बढ़ें
या अब रूकें'
ऐसा नहीं सन्देह
हो।
'पथ-प्रदर्शक हम बनें'
मन में यही
संवेग हो।
शत्रु-दल आए
अगर, भागें नहीं,
लड़ते रहें।
राह
ही काँटी भरी
फिर भी सतत
चलते रहें।
ज्ञान का दीपक
जलाएँ, जड़-तमस्
को हम भगाएँ
अनगिनत राही जो
भटके, मार्ग उनको
भी दिखाएँ।
जो जलाया
दीप गुरु ने,
ले उसे पथ
को सजाएँ।
मनुज-जीवन
को गुणों से
गौरवान्वित हम बनाएँ
धूप, वर्षा,
शीत को हँसकर
सदा सहते रहें।
राह
ही काँटों भरी
फिर भी सतत
चलते रहें।
सत्य, सेवा, विनय,
श्रद्धा के सुमन
खिलते रहें;
ज्ञान का संबल
मिले, स्नेही सुहृद
मिलते रह।
भाव समता
का भरा हो,
लक्ष्य पर बढ़ते
रहें;
विश्व हो सुख-शान्तिमय, यह प्रेरणा
भरते रहें।
लक्ष्य हो गिरि-सा अगम
फिर भी उधर
चढ़ते रहें।
राह ही
काँटों भरी फिर
भी सतत चलते
रहें।
(क) आगे
बढ़ते समय हमारे
मन में क्या
संदेह नहीं होना
चाहिए
(i) हम डरें
या निडर रहें
(ii) हम बढ़े
या रूकें
(iii) हम देखें
या आँख मूंद
लें
(iv) हम श्रम
करें या विश्राम
करें
(ख) ज्ञान
का दीपक जलाने
के लिए कवि
क्या संदेश देता
है ?
(i) अंधकार को बुलाने
का
(ii) पुस्तकें पढ़ाने का
(iii) अंधकार को भगाने
का
(iv) शिक्षा का प्रचार
करने का
(ग) गुरु
द्वारा जलाए ज्ञानदीप
से कवि क्या
करना चाहता है?
(i) गुरुओं को सम्मान
देना।
(ii) विद्यार्थियों को उपदेश
देना।
(iii) समाज को
मार्गदर्शन देना।
(iv) जीवनमार्ग को सजाना।
(घ) काव्यांश
में किन सुमनों
के खिलने की
बात कही है?
(i) ईष्या, द्वेष, कटुता,
लोभ के
(ii) सत्य, सेवा, विनय,
श्रद्धा के
(iii) कलह, कोलाहल,
भ्रष्टाचार, अन्याय के
(iv) अज्ञान, अंधकार, कलह,
अनाचार के
(ङ) काव्यांश
में विश्व के
लिए क्या कामना
की गई है?
(i) विश्व हो सुख-शांतिमय
(ii) राह हो
काँटों भरी
(iii) लक्ष्य हो गिरि-सा अगम
(iv) सतत चलते
रहे
खण्ड 'ख'
5. (क) निम्नलिखित
शब्दों का वर्ण-विच्छेद कीजिए। 2
(i) देशभक्ति
(ii) काव्य
(ख)
निम्नलिखित शब्दों में से
मूल शब्द और
उपसर्ग को अलग-अलग करके
लिखिए। 1
(i) विरोध
(ii) निराशा
(ग)
निम्नलिखित शब्दों में से
मूल शब्द और
प्रयुक्त प्रत्यय को अलग-अलग करके
लिखिए। 1
(i) औपचारिक
(ii) महानता
5.(क) निम्नलिखित
वाक्यों में रेखांकित
शब्दों के अन्य
पर्यायवाची रूप से
रिक्त स्थानों की
पूर्ति कीजिए। 2
(i) समुद्र में अनेक
जीव-जन्तु रहते
हैं, उसे ---------------भी
कहा जाता है।
(ii) शिव को ------------ भी
कहते है, क्योंकि
उनकी जटाओं से
गंगा निकलती है।
(iii) स्वतंत्रता में व्यक्ति
अपने अधीन रहता
है, अतः वह
------ होती
है।
(iv) विजय में
हमारी प्रतिष्ठा बढ़ती
है, इसलिए हम
----------- के लिए
प्रयास करते है।
6. निम्नलिखित वाक्यों में
रेखांकित शब्दों के विलोम
शब्द से रिक्त
स्थानों की पूर्ति
कीजिए। 2
(i) वह मन
से सशक्त होते
हुए भी तन
से --------- है।
(ii) उस संस्थान
के अस्थायी कर्मचारियों
को -------- कर
दिया गया है।
(iii) उसे
जब पुरस्कृत नहीं
किया गया तो
उसने अपने को
--------- समझा।
(iv) कभी कभी
अनुकूल वातावरण होने पर
भी व्यक्ति
--------- आचरण करता है।
7. (क) निम्नलिखित
वाक्यांशों के लिए
एक-एक उपयुक्त
शब्द लिखिए।
(i) जिसका
आचरण अच्छा है।
(ii) जो
हिंसा नहीं करता
है।
(iii) एक
ही माँ से
जन्म लेने वाला।
(iv) जिसे
दंड दिया गया
हो।
(ख) निम्नलिखित
शब्दों से दो-दो भिन्नार्थक
वाक्य बनाइए।
(i) कनक (ii) वार
8. (क) निम्नलिखित
वाक्यों में उद्देश्य
और विधेय अलग-अलग करके
लिखिए –
(i) उसके
भाई ने उत्तीर्ण
होने पर सबको
मिठाई खिलाई।
(ii) मेरे
कक्षाध्यापक सबको समझा-बुझाकर पढ़ाते हैं।
(ख) निम्नलिखित
वाक्यों को सरल
वाक्यों में बदलिए।
(i) मंच
पर सभापति आए।
उन्होंने भाषण दिया।
(ii) जब
गाँव में बाढ़
आई तो चारों
तरफ तबाही मच
गई।
9. (क)
निम्नलिखित वाक्यों में उचित
विराम चिहन लगाइए।
(i) पिताजी
ने कहा परिश्रम
करने वाले को
सफलता मिलती है
(ii) एक कहानी
जो मैंने लिखी
थी इस पत्रिका
में छपी है
(ख)
निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त
स्थानों की पूर्ति
उपयुक्त मुहावरों द्वारा कीजिए-
(i) अंग्रेजों
के चले जाने
के बाद हमारे
देश से गुलामी
का सूरज ---------|
(ii) भारतीय
सैनिकों ने दुश्मन
सेना के
-------------- दिए।
(iii) लता
के गीत ने
लोगों को
-------------- कर दिया।
(iv) जब वह
आया तो खुशी
से मेरी आँखें
----------------|
खण्ड 'ग'
10. निम्नलिखित काव्यांश को
पढ़कर पूछे गए
प्रश्नों के उत्तर
दिए गए विकल्पों
में से ढूँढ़कर
लिखिए – 1X5 = 5
भीतर
जो डर रहा
छिपाए,
हाय! वही
बाहर आया।
एक दिवस
सुखिया के तनु
को
ताप-तप्त
मैंने पाया।
ज्वर में
विहवल ही बोली
वह,
क्या जानूँ
किस डर से
डर,
मुझको देवी के
प्रसाद का
एक फूल
ही दो लाकर।
(क)
पिता के भीतर
कौन-सा डर
छिपा था?
(i) उसकी बेटी
कहीं बाहर खेलने
न चली जाए।
(ii) उसकी बेटी
कहीं महामारी की
चपेट में न
आ जाए।
(iii) कहीं वह
स्वयं महामारी की
चपेट में न
आ जाए।
(iv) उसकी बेटी
को कहीं ज्वर
न हो जाए।
(ख) पिता
ने बेटी के
शरीर को किस
हालत में पाया?
(i) पसीने से भीगा
हुआ
(ii) ठंड से
कॅपकँपाता हुआ
(iii) बुखार से तपता
हुआ
(iv) दर्द से
ऐंठा हआ
(ग)
बेटी के मन
में कौन-सा
डर था?
(i) मर जाने
का डर
(ii) बुखार बढ़ जाने
का डर
(iii) बेहोश हो जाने
का डर
(iv) कोई अनजान
डर
(घ) पुत्री
ने पिता से
विहवल होकर क्या
कहा?
(i) मंदिर
से देवी पर
चढ़े फूल का
प्रसाद लाने के
लिए।
(ii) चिकित्सक को दिखाने
के लिए।
(iii) देवी को
प्रसाद चढ़ाने के लिए।
(iv) बुखार की दवा
लाने के लिए।
(ड) इस
काव्यांश में पुत्री
की किस भावना
की ओर संकेत
है?
(i) पिता के
प्रति आदर और
श्रद्धा की भावना।
(ii) देवी के
प्रति भक्ति और
श्रद्धा की भावना।
(iii) बुखार से पीड़ित
और चिन्तित होने
की भावना।
(iv) मन में
बसे अनजान डर
की भावना।
अथवा
इन नए
बसते इलाकों में
जहाँ रोज़
बन रहे हैं
नए-नए मकान
मैं अक्सर
रास्ता भूल जाता
हूँ,
धोखा दे
जाते हैं पुराने
निशान
खोजता हूँ, ताकता
पीपल का पेड़
खोजता हूँ, ढहा
हुआ घर
और ज़मीन
का खाली टुकड़ा
जहाँ से बाएँ,
मुड़ना था मुझे
फिर दो
मकान बाद बिना
रंगवाले लोहे के
फाटक का
घर था
इकमंज़िला
और मैं
हर बार एक
घर के पीछे
चल देता
हूँ
या दो
घर आगे ठकमकाता
(क) नए
बसते इलाके में
कवि अक्सर रास्ता
क्यों भूल जाता
है?
(i) पुराने निशान मिट
जाने के कारण
(ii) नए मकान
बन जाने के
कारण
(iii) नए लोगों
के आ बसन
के कारण।
(iv) उसकी याददाश्त
कमज़ोर हो जाने
के कारण
(ख) कवि
को कहाँ से
मुड़ना पडता था
?
(i) पीपल के
पेड़ से बाएँ
(ii) ज़मीन के खाली
टुकड़े की ओर
से
(iii) ढहे हुए
घर से
(iv) दो मकानों
के बाद से
(ग) कवि
का मकान कैसा
था?
(i) दो
मंज़िला विशाल घर
(ii) बिना फाटक
का टूटा-फूटा
घर
(iii) बिना रंग
वाले लोहे के
फाटक वाला इकमंज़िला
(iv) पीपल के
पेड़ वाला घर
(घ) काव्यांश
से किस बात
का बोध होता
है?
(i) कवि के
बुढ़ापे का
(ii) जीवन की
क्षणभंगुरता का
(iii) बदलते परिवेश का
(iv) कमज़ोर होती स्मृति
का
(ड) 'ठकमकाता'
शब्द का अर्थ
है
(1) लोगों से पता
पूछना
(ii) चकित हो
जाना
(iii) देखकर रुक जाना
(iv) रुक-रुक
कर, धीरे-धीरे
चलना
11. पठित पाठों
के आधार पर
निम्नलिखित प्रश्नों में स
किन्हीं दो के
उत्तर लिखिए। 3+3
(क)
'अतिथि सदैव देवता
नहीं होता, वह
मानव और थोड़े
से अंशों में
राक्षस भी हो
सकता है"- इस
कथन की व्याख्या
"तुम कब जाओगे,
अतिथि" पाठ के
आधार पर कीजिए।
(ख)
चलते-पुरज़े लोग
धर्म के नाम
पर क्या करते
हैं? "धर्म की
आड़" पाठ के
आधार पर लिखिए।
(ग)
गांधीजी ने महादेव
को अपना वारिस
कब कहा था?
"शुक्रतारे के समान"
पाठ के आधार
पर लिखिए।
12. निम्नलिखित प्रश्न का
उत्तर लिखिए –
5
'धर्म की
आड़' पाठ के
आधार पर लिखिए
कि धर्म की
भावना कैसी होनी
चाहिए?
अथवा
कीचड़ सूखकर किस
प्रकार के दृश्य
उपस्थित करता हैं?
'कीचड़ का काव्य'
पाठ के आधार
पर लिखिए।
13. निम्नलिखित गद्याश को
ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए
प्रश्नों के उत्तर
दीजिए।
तुम्हारे सम्मान में
ओ अतिथि, हमने
रात के भोजन
को एकाएक उच्च-मध्यम वर्ग के
डिनर में बदल
दिया था। तुम्हें
स्मरण होगा कि
दो सब्ज़ियों और
रायते के अलावा
हमने मीठा भी
बनाया था। इस
सारे उत्साह और
लगन के मूल
मे एक आशा
थी कि दूसरे
दिन किसी रेल
से एक शानदार
मेहमाननवाज़ी की छाप
अपने हृदय में
ले तुम चले
जाओगे।
(i) लेखक ने
अतिथि का सम्मान
कैसे किया?
(ii) उत्साह और लगन
से बनाए भोजन
का क्या स्वरूप
था? डिनर का
स्वरूप बदलने में लेखक
की क्या आशा
थी?
(iii) लेखक अतिथि
की मेहमाननवाज़ी बड़े
उत्साह से क्यों
कर रहा था?
अथवा
इस संस्था
का उद्देश्य था
देश में वैज्ञानिक
चेतना का विकास
करना। अपने महान्
उद्देश्यों के बावजूद
इस संस्था के
पास साधनों का
नितांत अभाव था।
रामन् इस संस्था
की प्रयोगशाला में
कामचलाऊ उपकरणों का इस्तेमाल
करते हुए शोधकार्य
करते। यह अपने-आप में
एक आधुनिक हठयोग
का उदाहरण था,
जिसमें एक साधक
दफ़्तर में कड़ी
मेहनत के बाद
बहू बाज़ार की
इस मामूली-सी
प्रयोगशाला में पहुँचता
और अपनी इच्छाशक्ति
के ज़ोर से
भौतिक विज्ञान को
समृद्ध बनाने के प्रयास
करता।
(i) संस्था का क्या
नाम था? इसकी
स्थापना किसने की?
(ii) संस्था का क्या
उद्देश्य था? रामन्
प्रयोगशाला में अपना
कार्य कैसे करते
थे?
(iii) लेखक ने
रामन् के कार्य
को आधुनिक हठयोग
का उदाहरण क्यों
कहा है?
14. निम्नलिखित प्रश्नों में
से किन्हीं तीन
प्रश्नों के उत्तर
दीजिए।
(क)
'एक फूल की
चाह' कविता में
लड़की का पिता
किस प्रकार देवी
के सामने पहुँचा?
वह तुरंत ही
क्यों लौट पड़ा
?
(ख) प्रेमी
का गीत सुनकर
भी उसकी राधा
उसके पास तक
क्यों नहीं जाती
है? ‘गीत-अगीत'
कविता के आधार
पर लिखिए।
(ग)
'एक पत्र-छाँह
माँग मत' पंक्ति
के माध्यम से
कवि मनुष्य को
क्या कहना चाहता
है? 'अग्निपथ' कविता
के आधार पर
लिखिए।
(घ) 'खुशबू
रचते हैं हाथ'
कविता के आधार
पर लिखिए कि
कवि ने समय
की कमी की
ओर क्यों इशारा
किया है?
15. निम्नलिखित प्रश्नों में
से किन्हीं दो
के उत्तर लिखिए।
(क) स्कूल
से इनाम में
मिली अंग्रेजी की
दोनों पुस्तकों ने
किस प्रकार धर्मवीर
भारती के लिए
नयी दुनिया के
द्वार खोल दिए
थे।
(ख)
'हामिद खाँ' पाठ
में 'काश मैं
आपके मुल्क में
आकर यह सब
अपनी आँखों से
देख सकता' - हामिद
ने ऐसा क्यों
कहा?
(ग) तक्षशिला
में आगजनी की
खबर पढ़कर लेखक
के मन में
कैसे विचार आए
और उससे क्या
प्रकट होता है?
16. 'मेरा छोटा-सा निजी
पुस्तकालय' पाठ के
आधार पर लेखक
की पहली पुस्तक
खरीदने की घटना
का वर्णन अपने
शब्दों में कीजिए।
अथवा
महिसागर नदी के
दोनों ओर कैसा
दृश्य उपस्थित था?
दिये जल उठे'
पाठ के आधार
पर अपने शब्दों
में लिखिए।
खण्ड 'घ'
17. निम्नलिखित विषयों में
से किसी एक
विषय पर दिए
गए संकेत बिंदुओं
के आधार पर
लगभग 80-100 शब्दों में अनुच्छेद
लिखिए -
(क) भ्रष्टाचार
-
O भ्रष्टाचार बढ़ने के
कारण
O परिणाम
O रोकने के उपाय
(ख) बिगड़ते
स्वास्थ्य की समस्या
–
O स्वास्थ्य का जीवन
में महत्व
O बिगड़ते स्वास्थ्य के
कारण
O सुधारने के उपाय
(ग) बड़ों
के प्रति आदरभाव
–
O घटते आदर
भाव का प्रभाव
O आदरभाव रखने का
लाभ
O बढ़ाने का उपाय
18. अपने मित्र
को बड़े भाई
के विवाह में
सम्मिलित होने का
निमंत्रण-पत्र लिखिए। 5
अथवा
पिताजी को पत्र
लिखकर विद्यालय में
आयोजित खेल-कूद
समारोह के बारे
में बताइए।
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