श , ष, स का अंतर व प्रयोग
2. ष का उच्चारण तालु के मूर्धा (मूर्धन्य) भाग से होता है। जब हम ट ठ ड ढ का उच्चारण करते हैं उसी स्थान में और दंत की ओर जिह्वा को ले जाने पर इसका उच्चारण होता है।
3. स का उच्चारण दंतमूल (वर्त्स्य ) से होता है। र ल का उच्चारण जिस स्थान से करते हैं उसी के पास से इसका उच्चारण होता है।